
।। ग्रामीणों को भी लगाया चूना, एक परिवार के बनाए कई जॉब कार्ड, हर जॉब कार्ड में फर्जी नाम, एक आदमी कर रहा एक साथ कई काम, जाति और पता तक बदल दिया ।।
सीधी। फर्जी जॉब कार्ड और फर्जी हितग्राही के जरिए करोड़ों रुपए का गवन करने वाले रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव के संदर्भ में एक नया खुलासा सामने आया है जिसमें स्पष्ट हुआ है कि जिस हितग्राही के नाम पर शासकीय राशि का आहरण हुआ है और भुगतान हुआ है दरअसल उस हितग्राही का उस बैंक में खाता ही नहीं है जिसमें भुगतान किया गया है।
आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी के ग्राम पंचायत करैल के ग्राम केरहा निवासी इंद्रजीत यादव पिता सोभनाथ यादव के नाम पर 14 अप्रैल 2022 को जॉब कार्ड संख्या एमपी -15-007 -037 -003/67- ए बनाया गया जिसमें इंद्रजीत को अनुसूचित जनजाति वर्ग का होना लेख किया गया है उक्त जॉब कार्ड में इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती का बैंक अकाउंट फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में दर्शाया गया है जिसमें इस तथाकथित जॉब कार्ड में दर्ज काम की मजदूरी का भुगतान उस बैंक खाते में किया गया, जिसकी जानकारी इंद्रजीत को नहीं है। इसी तरह 6 दिसंबर 2022 को बनाया गया जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-003/86- ए जिसमें इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती को फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में भुगतान किया जाना दर्शाया गया है। इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती के नाम पर ही 2 अक्टूबर 2022 को बनाया गया जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-009/4-बी इसमें इंद्रजीत को अनुसूचित जनजाति वर्ग का होने के साथ-साथ ग्राम पंचायत करैल के ग्राम चंदरसा का निवासी होना लेख किया गया है इतना ही नहीं इसी तरह का एक और जॉब कार्ड क्रमांक एमपी -15-007-037-004/25-बी 14 अप्रैल 2022 को बनाया गया जिसमें इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती के साथ-साथ उनके पिता सोभनाथ को भी शामिल किया गया है जिसमें तीनों ही लोगों का खाता फिनो बैंक लिमिटेड में होना बता कर मजबूरी का भुगतान उसमें किया गया है , जबकि इंद्रजीत के मुताबिक उनका और उनकी पत्नी का बैंक खाता फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में नहीं बल्कि यूनियन बैंक में है। इस जॉब कार्ड में शामिल सोभनाथ के नाम पर आधा दर्जन जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इसकी पुष्टि उन्ही की जुबानी–
गौरतलब है कि फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड एक ऐसा बैंक है जिसमें कियोस्क के माध्यम से खाता खोला जाता है और खाता खोलने के लिए किसी विशेष कागजात की जरूरत नहीं पड़ती है इसी का फायदा उठाते हुए रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव शिव प्रसाद यादव ने इंद्रजीत उनकी पत्नी सियावती और पिता सोभनाथ के नाम पर फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में खाता खोला और उसमें मजदूरी का भुगतान कर खुद डकार गया। सूत्रों की माने तो इस तरह के लगभग डेढ़ हजार मामले अकेले ग्राम पंचायत करैल में है।
फर्जी जॉब कार्ड और फर्जी हाजिरी की बात की जाए तो अकेले इंद्रजीत के नाम पर ही सात जॉब कार्ड बनाए गए हैं जिनमें से पांच में फर्जी हाजिरी भरी गई है आप सिलसिलेवार उन पर गौर कीजिए-
1- इंद्रजीत पिता सोभनाथ निवासी ग्राम केरहा मैं इंद्रजीत को 1 अगस्त 2022 से 7 अगस्त 2022 तक खुद के प्रधानमंत्री आवास में काम करने के लिए मजदूरी का भुगतान किया गया है वहीं दूसरी ओर जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-004/25- बी जो कि इंद्रजीत के नाम पर 14 अप्रैल 2022 को बनाया गया और 29 में 2023 को डिलीट कर दिया गया लेकिन इससे पहले उस जॉब कार्ड में इंद्रजीत को 3 अगस्त 2022 से 9 अगस्त 2022 तक नदी जीणोद्धार कार्य में कार्य करना बताया गया है।
2- इंद्रजीत पिता सोभनाथ निवासी ग्राम केरहा को अनुसूचित जनजाति का बता कर 14 अप्रैल 2022 को जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-003/86 – ए बनाया गया जिसमें इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती को शामिल किया गया है। इस जॉब कार्ड में 7 दिसंबर 2022 से 13 दिसंबर 2022 तक इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती कौ चेक डैम निर्माण सेमरहिया नाला करैल मैं कार्य करना बताया गया है, साथ ही 14 दिसंबर 2022 से 20 दिसंबर 2022 तक इंद्रजीत को नवीन तालाब निर्माण करैल मैं कार्य करना बताया गया है इतना ही नहीं इस जॉब कार्ड के मुताबिक इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती 22 दिसंबर 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक नवीन तालाब निर्माण केरल में कार्य कर रहे हैं जबकि उसी दौरान 7 दिसंबर 2022 से 13 दिसंबर 2022 तक दोनों लोगों को नवीन तालाब निर्माण करैल मैं कार्य करना तथा 14 दिसंबर 2022 से 20 दिसंबर 2022 तक इंद्रजीत को नवीन तालाब निर्माण करैल में कार्य करना साथ ही इंद्रजीत को 22 दिसंबर 2022 से 24 दिसंबर 2022 तक चेक डैम निर्माण सेमरहिया नाला करैल मे उनके जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007-037-009/ 4 बी मैं कार्य करना बताया जा रहा है। यह जॉब कार्ड इंद्रजीत पिता सोभनाथ निवासी ग्राम चंदररसा के नाम पर बनाया गया है जिसमें इंद्रजीत और उनकी पत्नी सियावती को अनुसूचित जनजाति वर्ग का बताया गया है। यह जॉब कार्ड 14 सितंबर 2023 को डिलीट किया गया है।
इस तरफ से साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ग्राम पंचायत करैल में रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव शिव प्रसाद यादव द्वारा फर्जी नाम और फर्जी पते के आधार पर एक ही आदमी के अनेक जॉब कार्ड बनाए गए हैं और एक ही समय पर एक ही आदमी से अलग-अलग जॉब कार्ड में कार्य कराया जा रहा है तथा भुगतान के लिए भी कई फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया है कुल मिलाकर यह कहा जाए कि रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव ने सही मायनो में रोजगार गारंटी योजना को लूट की गारंटी योजना बनाया है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी और यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इस लूट में सीधी जिले का जिला प्रशासन पूरी तरह से संलिप्त है क्योंकि शिव प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार के तमाम खुलासों के बावजूद भी सीधी जिला प्रशासन उन्हें पूर्ण संरक्षण देते हुए कंधे से कंधा मिलाकर चलता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि शिवप्रसाद यादव द्वारा भाई जा रही विकास की गंगा में प्रशासनिक अधिकारी डुबकी लगाते हुए नजर आ रहे हैं इसलिए ऐसे व्यक्ति को संरक्षण देना उनकी मजबूरी बन गया है।
इंद्रजीत पिता सोभनाथ के नाम पर बनाए गए कुछ और फर्जी जॉब कार्डों पर गौर कीजिए जिसमें उसे भमरहा और मछेडी गांव का निवासी बताया गया है। यह कूट रचना, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा नहीं तो और क्या है। यूं ही कोई रोजगार सहायक करोड़पति नहीं बनता उसके पीछे इसी तरह के कई राज दफन होते हैं जिस पर इनकी कामयाबी की इमारतें खड़ी होती है।











